मिसाल
- दोनों भाईयों का प्यार समाज के लिए बना एक मिसाल
- आज दौर में विघटित होते परिवारों के लिए उदाहरण है गुप्ता परिवार
- एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं दोनों भाई
एकता ज्योति संवाददाता
गाजियाबाद। आज जब भाई-भाई का दुश्मन बना हुआ है, वहीं भाजपा के महानगर कोषाध्यक्ष व समरकूल के चेयरमैन संजीव गुप्ता तथा उनके भाई समरकूल राजीव गुप्ता का प्यार एक मिसाल बना हुआ है। दोनों भाईयों की जोडी आज के राम-लक्ष्मण की ऐसी जोडी है कि लोग उनसे प्रेरणा ले रहे हैं। दोनों भाईयों का यह आपसी प्यार है कि आज जहां परिवारों का विघटन हो रहा है, वहीं संजीव गुप्ता व राजीव गुप्ता का आज भी संयुक्त परिवार है। उनका संयुक्त परिवार भी लोगों के लिए मिसाल बन चुका है। संजीव गुप्ता व राजीव गुप्ता दोनों ही धार्मिक प्रवृत्ति के हैं और भगवान व मां वैष्णो देवी में उनकी असीम आस्था व श्रद्धा है। दोनों भाई जो भी काम हाथ में लेते हैं, वह सफल हो जाता है। उसकी सफलता का श्रेय दोनों ही एक-दूसरे को देते हैं। संजीव गुप्ता व राजीव गुप्ता ने सपनावत में मां वैष्णो का भव्य धाम बनवाया जो आज पूरे देश में प्रसिद्ध हो चुका है और देश भर से श्रद्धालु मां के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए आते हैं।
दोनों भाईयों के आपसी प्यार, मेहनत व लगन के चलते ही आज समरकूल कंपनी देश का ऐसा जाना-माना ब्रांड बन गई है कि उसके हर उत्पाद पर देश के नागरिक आंख बंदकर भरोसा करते हैं। संजीव गुप्ता व राजीव गुप्ता से जब भी पूछा जाता है कि कंपनी को देश ही नहीं विदेश तक में पहचान दिलाने का श्रेय किसको है तो संजीव गुप्ता इसका श्रेय राजीव गुप्ता को और राजीव गुप्ता इसका श्रेय संजीव गुप्ता को देते हैं। दोनों भाईयों के परिवारों के अन्य सदस्यों में भी जो प्यार है, वह भी भगवान राम के परिवार की याद दिलाता है। दोनों आज देश के प्रमुख उद्यमियों में शुमार हैं, मगर आज भी जमीन से जुडे हैं। यही कारण कि हर किसी के सुख-दुख में सदैव साथ खडे दिखाई देते हैं। जरूरतमंदों की सेवा के लिए भी हमेशा तैयार रहते हैं। निश्चित रूप से दोनों भाईयों का यह प्यार एक ऐसे धरोहर की तरह है, जो पूरे समाज का मार्गदर्शन कर रहा है और यह संदेश दे रहा है कि प्यार व सम्बंधों से बढकर कुछ भी नहीं है।