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जन्माष्टमी पर्व पर मंदिर में उमडेगा भक्तों का सैलाब
महाराजश्री की अध्यक्षता में गोपाल सहस्त्रनाम पाठ होगा, मंदिर में झांकियां सजेंगी और नृत्य नाटिका से भगवान का गुणगान होगा
रात्रि 12 बजे भगवान के प्रकट होते ही मंदिर में बजेंगे घंटे-घडियाल, आरती के बाद प्रसाद का वितरण होगा
गाजियाबादः
श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर गौशाला मार्ग गाजियाबाद का श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के पावन सन्निधि व मार्गदर्शन में देश भर में पहचान बना चुका है। यही कारण है कि हर वर्ष जन्माष्टमी पर्व पर मंदिर में भक्तों का सैलाब उमडता है। इस वर्ष मंदिर में जन्माष्टमी पर्व को और अधिक भव्य बनाया जाएगा, जिसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। महाराजश्री की अध्यक्षता में 16 अगस्त की रात्रि 7 बजे पहले भगवान दूधेश्वर की आरती होगी और उसके बाद भगवान श्रीकृष्ण का गोपाल सहस्त्रनाम से अर्चन होगा। रात्रि 9 बजे से भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल का दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, इत्र, गंगाजल, फूलों के रस व फलों के रस से अभिषेक किया जाएगा। मंदिर परिसर में भगवान की विभिन्न लीलाओं पर आधारित झांकियां सजाई जाएंगी। नृत्य नाटिका से भगवान की महिमा का गुणगान किया जाएगा, जो रात्रि 12 बजे तक चलेगा। रात्रि 12 बजे जैसे ही भगवान का प्राकट्य होगा,
घंटे-घडियाल आदि से उनका स्वागत किया जाएगा। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के पावन सानिध्य में भगवान की आरती होगी और उसके बाद सभी को प्रसाद वितरित किया जाएगा। महाराजश्री ने कहा कि जन्माष्टमी का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। जन्माष्टमी पर्व की धूम भारत ही नहीं पूरे विश्व में रहती है। इस दिन व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करने व उनकी लीलाओं का गुणगान करने से हर प्रकार के बंधन खुल जाते हैं। सभी रोग, दुख व कष्टों से मुक्ति मिलती है और भगवान की कृपा से जीवन हमेशा खुशियों से भरा रहता है। दूधेश्वर नाथ मंदिर में जन्माष्टमी पर्व पर पूजा-अर्चना करना बहुत शुभ होता है क्योंकि उस दिन भगवान के प्राकट्य के समय भगवान दूधेश्वर भी प्रसन्न होकर अपनी कृपा भक्तों पर बरसाते हैं। 16 अगस्त को पूरे गाजियाबाद में एक साथ जन्माष्टमी पर्व पर धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिर के मीडया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि 16 अगस्त को मंदिर को रंग बिरंगी लाइटों, विभिन्न प्रकार के फूलों व गुब्बारो से सजाया जाएगा। सभी धार्मिक आयोजन महाराज श्री की अध्यक्षता में होंगे और भगवान का पूजन महाराज श्री द्वारा वैदिक विधि विधान के साथ दूधेश्वर वेद विद्यालय के आचार्यों द्वारा कराया जाएगा।

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