
एकता ज्योति संवाददाता
गाजियाबाद। जिंदल पब्लिक स्कूल के चेयरमैन एवं शिक्षाविद राम अवतार जिंदल ने कहा कि आपातकाल को आज 50 वर्ष हो गए हैं, फिर भी लोग इसे नहीं भूल पाए हैं क्योंकि इस दिन लोकतंत्र की हत्या की गई थी। 25 जून का दिन भारतीय लोकतंत्र का काला दिन है क्योंकि इसी दिन से 21 माह का आपातकाल देश में लगा दिया गया था। यह सब करने वाली कांग्रेस है, जो आज लोकतंत्र हितैषी बनने का ढोंग कर देशवासियों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है, मगर देश की जनता गुमराह होने वाली नहीं है क्योंकि वह कांग्रेस की रग-रग से वाकिफ है। देश की जनता जानती है कि आपातकाल के दौरान किस तरह से लोकतंत्र की हत्या कर दी गई थी। जनता की कोई सुनवाई नहीं थी और विपक्षी दलों के नेताओं ही नहीं आपातकाल का विरोध करने वालों को भी जेल में बंद कर उन पर जो जुल्म किए गए, उसे याद कर ही आज भी देशवासी सिहर उठते हैं। कांग्रेस ने हमेशा ही देशवासियों को अपना गुलाम समझा। आपातकाल इसका सबूत है। 50 वर्ष बाद भी कांगेस की मानसिकता नहीं बदली है और वह आज भी भारतीय लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती है। अगर वह भारतीय लोकतंत्र का सम्मान करती तो आपातकाल के लिए सभी देशवासियों से सार्वजनिक माफी मांग चुकी होती।50 वर्ष पहले 25 जून को ही देश में लोकतंत्र की हत्या हुई थी: रामअवतार जिंदल
एकता ज्योति संवाददाता
गाजियाबाद। जिंदल पब्लिक स्कूल के चेयरमैन एवं शिक्षाविद राम अवतार जिंदल ने कहा कि आपातकाल को आज 50 वर्ष हो गए हैं, फिर भी लोग इसे नहीं भूल पाए हैं क्योंकि इस दिन लोकतंत्र की हत्या की गई थी। 25 जून का दिन भारतीय लोकतंत्र का काला दिन है क्योंकि इसी दिन से 21 माह का आपातकाल देश में लगा दिया गया था। यह सब करने वाली कांग्रेस है, जो आज लोकतंत्र हितैषी बनने का ढोंग कर देशवासियों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है, मगर देश की जनता गुमराह होने वाली नहीं है क्योंकि वह कांग्रेस की रग-रग से वाकिफ है। देश की जनता जानती है कि आपातकाल के दौरान किस तरह से लोकतंत्र की हत्या कर दी गई थी। जनता की कोई सुनवाई नहीं थी और विपक्षी दलों के नेताओं ही नहीं आपातकाल का विरोध करने वालों को भी जेल में बंद कर उन पर जो जुल्म किए गए, उसे याद कर ही आज भी देशवासी सिहर उठते हैं। कांग्रेस ने हमेशा ही देशवासियों को अपना गुलाम समझा। आपातकाल इसका सबूत है। 50 वर्ष बाद भी कांगेस की मानसिकता नहीं बदली है और वह आज भी भारतीय लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती है। अगर वह भारतीय लोकतंत्र का सम्मान करती तो आपातकाल के लिए सभी देशवासियों से सार्वजनिक माफी मांग चुकी होती।