Sat. Oct 11th, 2025


गाजियाबाद स्थित सिद्धपीठ प्राचीन मां देवी का मंदिर है, जो 550 साल पुराना है और यहां माता बाल रूप में विराजमान हैं। यह मंदिर बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि के मौके पर यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है और माता सभी भक्तों की इच्छा पूरी करती हैं। मंदिर के महंत गिरिशानन्द गिरि ने बताया कि बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर दोनों नवरात्रि चैत्र नवरात्र एवं शारदीय नवरात्रों पर्व पर प्रत्येक माता मंदिरों में श्रद्धालु मां के दर्शन पूजन के लिए जाते हैं। दिल्ली गेट के प्राचीन देवी मंदिर में मां बाल रूप में विराजमान हैं। मंदिर बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यह मंदिर भी सिद्धपीठ दूधेश्वर नाथ मंदिर की तरह 550 साल से भी अधिक समय से पुराना है। महाअष्टमी और महानवमी के मौके पर यहां विशाल भंडारे कन्या पूजन का आयोजन किया जाता है। पुजारियों के अनुसार, जो भी भक्त यहां अपनी मनोकामना लेकर आते हैं, माता बाला सुंदरी उसकी सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं।‌‌एस आर सुथार मीडिया प्रभारी ने बताया कि यहां कि मान्यता है कि जहां भगवान शिव का सिद्धपीठ मंदिर होता है वहां देवी मंदिर, भैरव मंदिर और हनुमानजी का मंदिर भी पास में ही होता है। प्राचीन देवी दुर्गा मठ मंदिर श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के पास ही है। नवरात्रि के दिन भक्तों की लंबी कतार लगी रहती है। अष्टमी तिथि के दिन यहां पंखा शोभायात्रा निकली गई जो गाजियाबाद शहर के विभिन्न क्षेत्रों से निकलीं जहां जगह जगह पर भव्य स्वागत किया गया जिसमें मंदिर के महंत गिरिशा नन्द गिरि महाराज, महंत रमेशानन्द गिरि महाराज,‌महंत विजय गिरी महाराज, साध्वी डा गिरजा नंदनी गिरी महाराज, रुप गिरि महाराज, शिवकुमार, विजय मित्तल सतवीर चौधरी , योगेंद्र सिंह आदि सैकड़ों साधु संत महात्मा नागा बाबा एवं भक्तों ने भाग लिया जिसमें घोड़े,रथ, रंग-बिरंगी झांकी,डीजे,तांसे , माता पंखा आदि अनेक मौजूद रहे। रविवार हर साल नवरात्रि नवमी को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। वहीं नवमी तिथि के दिन सर्वप्रथम कन्या पूजन के बाद भंडारे आयोजन किया जाता है। जहां सभी भक्तों एवं साधु संतो एवं महात्माओं को प्रसाद वितरित किया जाता है जो श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर की मठाधीश श्री महंत नारायण गिरी महाराज के सानिध्य एवं आशीर्वाद से किया जाता है माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामना लेकर आते हैं वह खाली हाथ नहीं लौटते। मां बाला सुंदरी उसकी मनोकामना को अवश्य पूर्ण करती है। पूरे नवरात्रि यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है ‌। एस आर सुथार मीडिया प्रभारी श्रीदुधेश्वरनाथ मंदिर

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