Sat. Apr 27th, 2024
  • मुफ्त की रेवड़ी से लोग नकारा व बेकार बनेंगे
  • देश को कमाने-खाने वाले नागरिक चाहिएं
  • मुफ्त की रेवड़ी की जगह सभी को रोजगार देने का प्रयास करना चाहिए

गाजियाबादः वरिष्ठ समाज सेवी व व्यापारी सुशील अनूप सिंह ने कहा कि लोगों को मुफ्त की रेवड़ी का लालच दिया जाना सही नहीं है। इससे लोग नकारा व बेकार हो जाएंगे। सुशील अनूप सिंह ने कहा कि पुराने समय की कहावत है कि बेकार से बेगार भली। इस कहावत का अर्थ है कि बेकार यानि वे लोग जो कोई काम नहीं करते और बेगार वे लोग जिनसे पूरे दिन काम करवाने के बाद खाना व कपडा दिया जाता था। उन्हें नगद भुगतान नहीं किया जाता था। इस कहावत के जरिए यह संदेश दिया गया है कि बेकार बैठने से अच्छा है कि बेगार कर ली जाए। यानि मुफ्त का कुछ भी नहीं लिया जाए, मगर आज कुछ राजनेता लोगों को हर चीज मुफ्त में उपलब्ध कराने की बात कहकर उन्हें कामचोर व बेकार बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वे बिजली-पानी के साथ खाद्य सामग्री भी मुफ्त देने की बात कह रहे हैं। मैं एक छोटा सा व्यापारी हूं और सरकार को टेक्स देता हूं तो इसलिए नहीं कि उससे लोग बेकार व नकारा बनें, बल्कि इसलिए देता हूं कि मेरे द्वारा दिए गए टैक्स से देश तरक्की करें और सभी को सुरक्षा मिले। लोगों को हर सुविधा में मुफ्त में दिए जाने की बजाय रोजगार के साधन अधिक से अधिक बढाए जाएं और हर किसी को रोजगार दिया जाए। इससे मुफ्त की रेवड़ी देने की जरूरत भी नहीं पडेगी और देश के हर व्यक्ति को आगे बढने का मौका मिल्रगा जिससे समाज व देश भी तेजी से तरक्की करेगा। हो सकता है कि कुछ लोग उनकी इस राय से सहमत ना हो, मगर कमाने-खाने वाले इंसान चाहिए ना कि नकारा व बेकार, इसलिए उनका तो यही मानना है कि मुफ्त की रेवड़ी बंद की जानी चाहिए।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.