एकता ज्योति संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद प्राइवेट चिकित्सक वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष ब्रह्मऋषि विभूति बी के शर्मा हनुमान ने बताया कि बीमार या रोगी के स्वास्थ्य के लिए एक डॉक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण है लेकिन हेल्थ सेक्टर में डॉक्टर के साथ ही नर्स भी अहम रोल निभाती हैं। कोरोना काल में डॉक्टर और नर्स कोरोना वॉरियर्स या योद्धा कहलाएं। उस दौरान डॉक्टरों से साथ ही नर्सेस ने दिन रात लोगों की सेवा की। उनकी इसी सेवाभाव को सम्मान देने के लिए सालों से हर साल मई में नर्स दिवस मनाया जाता है। 12 को मई अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन को नर्सों के योगदान और सम्मान के प्रति समर्पित किया गया है। कोरोना काल में नर्स की भूमिका को लोगों ने समझ लिया लेकिन नर्स दिवस को मनाने की शुरूआत दशकों पहले हो चुकी है। आखिर किस नर्स की सेवा भाव को लोगों ने नोटिस किया और इस दिन को समर्पित कर दिया।फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म 12 मई 1820 को हुआ था। उन्होंने जिंदगी भर बीमार और रोगियों की सेवा की। फ्लोरेंस का खुद का बचपन बीमारी और शारीरिक कमजोरी में बीता। उन दिनों स्वास्थ्य संबंधी कई सुविधाओं की कमी ती। बिजली उपकरण नहीं थे। हाथों में लालटेन लेकर अस्पताल में स्वास्थ्य गतिविधियां की जाती थीं। फ्लोरेंस को अपने मरीजों की हमेशा फिक्र रहती थी। उनकी देखभाल के लिए फ्लोरेंस रात में भी अस्पताल में घूम कर चेक करती कि किसी रोगी को कोई जरूरत तो नहीं है। गरीब, बीमार और दुखियों के लिए वह कार्य करती थीं। उनकी नर्सिंग सेवा ने समाज में नर्सों को सम्मानजनक स्थान दिलाया। इस अवसर पर डॉ एके जैन डॉ कुमार देवासीश ओझा डॉक्टर एनएस तोमर डॉ विनीत कुमार शर्मा डॉक्टर सुभाष शर्मा डॉ बीके प्रजापति एमके मंडल एसके सिकदर मनोज कुमार नेहवाल राशिद श्यामलाल सरकार डॉ सुजीत सिंह डॉ एस पी गुप्ता डॉक्टर डॉक्टर रुखसाना परवीन मोहित कुमार डॉ दिलीप कुमार डॉक्टर आरपी शर्मा डॉक्टर सुबोध त्यागी डॉक्टर बी पी सिंह आदि लोग मौजूद थे।