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महाराजश्री ने बताया कि धनतेरस पर खरीदारी के लिए बन रहे हैं तीन शुभ मुहूर्त
गाजियाबादः
श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि हिंदू धर्म में धनतेरस का बहुत अधिक महत्व है। इसी दिन देवताओं के वैद्य भगवान धनवंतरि का प्रकटीकरण हुआ था। इसी कारण इस दिन धनवंतरि जयंती भी मनाई जाती है। महाराजश्री ने कहा कि इस बार धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धनतेरस का पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन बर्तन, आभूषण और वाहन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। इसी कारण धनतेरस के दिन लोग सोने और चांदी से निर्मित आभूषण, बर्तन व वाहनों की खरीदारी करते हैं। धनतेरस के दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा-अर्चना की जाती है ताकि जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि रहे। आरोग्यता के लिए भगवान धनवंतरि की पूजा-अर्चना भी की जाती है। इस बार धनतेरस पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे पर्व का महत्व और भी बढ गया है। इस बार धनतेरस के मौके पर यानी 29 अक्टूबरए 2024 को बुध के गोचर से लक्ष्मी नारायण योग बन रहा है। इस योग में भगवान नारायण यानि विष्णु भगवान व माता लक्ष्मी की पूजा करना बेहद शुभ व लाभकारी होता है। त्रिग्रही योग, त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, वैधृति योग और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का महासंयोग भी बनने जा रहा है। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि धनतेरस के दिन सोना, चांदी, कांसा, पीतल या तांबा से बनी वस्तुओं को ही खरीदें। इनकी खरीदारी उन्नतिदायक साबित होती है। धातु के बर्तन जरुर खरीदने चाहिए क्योंकि इस दिन जब समुद्र मंथन हुआ था तो भगवान धन्वंतरि कलश में अमृत लेकर निकले थे। इसी कारण इस दिन धातु के बर्तन खरीदना सबसे अधिक शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 31 मिनट से रात 8 बजकर 44 मिनट तक है। धनतेरस के दिन तीन विशेष शुभ मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं, जिनमें सोना, चांदी, आभूषण, बर्तन, भूमि आदि की खरीदारी की जा सकती है। पहला शुभ मुहूर्त सुबह 07.50 से 10.00 बजे तक हैण् यह समय वृश्चिक लग्न का है, जिसे स्थिर और अत्यंत शुभ माना जाता है। दूसरा शुभ मुहूर्त कुंभ लग्न का हैए जो दोपहर 02 बजे से 03.30 बजे तक रहेगा। यह भी स्थिर और शुभ माना जाता है। तीसरा शुभ मुहूर्त प्रदोष काल का है, जो संध्या 06.36 से 08.32 बजे तक रहेगा। यह मुहूर्त सबसे उत्तम और शुभ माना जाता है। शुभ मुहूर्त में खरीदारी करना अत्यंत लाभकारी रहता है।

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